CONSIDERATIONS TO KNOW ABOUT HANUMAN CHALISA

Considerations To Know About hanuman chalisa

Considerations To Know About hanuman chalisa

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Boosts Self esteem: Lord Hanuman symbolizes energy and bravery, and worshipping him can Enhance self confidence and fortitude in experiencing worries.

In another Hindu Variation of his childhood legend, which is probably going more mature as well as located in Jain texts like the 8th-century Dhurtakhyana, Hanuman's leap for the sun proves to generally be deadly and He's burnt to ashes through the Sunlight's heat. His ashes slide onto the earth and oceans.[51] Gods then Assemble the ashes and his bones from land and, with the help of fishes, re-assemble him.

Hanuman, in conjunction with other figures of your Ramayana, are an important source of performs and dance theatre repertoire at Odalan celebrations and other festivals in Bali.[139]

Anjana gives beginning to Hanuman in a very forest cave, following remaining banished by her in-legal guidelines. Her maternal uncle rescues her from the forest; when boarding his vimana, Anjana accidentally drops her little one on the rock. Nevertheless, the child stays uninjured even though the rock is shattered. The infant is raised in Hanuruha, So obtaining the title "Hanuman."

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व्याख्या — श्री हनुमन्तलाल जी समग्र विद्याओं में निष्णात हैं और समस्त गुणों को धारण करने से ‘सकल–गुण–निधान’ हैं। वे श्री राम के कार्य सम्पादन हेतु अत्यन्त आतुरता (तत्परता, व्याकुलता) का भाव रखने वाले हैं। क्योंकि ‘राम काज लगि तव अवतारा’ यही उद्घोषित करता है कि श्री हनुमान जी के जन्म का मूल हेतु मात्र भगवान् श्री राम के हित कार्यों का सम्पादन ही है।

श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥११॥ रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई ।

बिना श्री राम, लक्ष्मण एवं सीता जी के श्री हनुमान जी का स्थायी निवास सम्भव भी नहीं है। इन चारों को हृदय में बैठाने का तात्पर्य चारों पदार्थों को एक साथ प्राप्त करने का है। चारों पदार्थों से तात्पर्य ज्ञान (राम), विवेक (लक्ष्मण), शान्ति (सीता जी) एवं सत्संग (हनुमान जी) से है।

असुर निकन्दन राम दुलारे ॥३०॥ अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता ।

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बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥

.. और यही कारण है निराला जी तुलसीदास को कालिदास, व्यास, वाल्मीकि, होमर, गेटे और शेक्सपियर के समकक्ष रखकर उनके महत्त्व का आकलन करते हैं।

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज की शरण लेने पर सभी प्रकार के दैहिक, दैविक, भौतिक भय समाप्त हो जाते हैं तथा तीनों प्रकार के आधिदैविक, आधिभौतिक एवं आध्यात्मिक सुख सुलभ हो जाते हैं।

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